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रामलीला मैदान में आयोजित बाबा राम देव के अनशन के दौरान पुलिस कार्यवाही में घायल हुई श्रीमती राजबाला ने दिनांक २६/०९/२०११ सोमवार को जी. बी. पन्त अस्पताल में दम तोड़ दिया | राजबाला के परिजनों ने सरकार तथा दिल्ली पुलिस प्रति कुछ रोष प्रकट किया | दिल्ली पुलिस के अनुसार राजबाला की मौत पुलिस पिटाई के कारण नहीं हुई है | यह मौत भगदड़ में घायल होने के कारण हुई है | यदि दिल्ली पुलिस की बात को पूर्णता सच मान भी लिया जाये तो प्रशन उठता है कि इस भगदड़ के लिए जिमेवार कौन है | आधी रात को सोये हुए, निहत्थे लोगो पर यदि अचानक हमला बोल दिया जाये तो इतने लोगो के होने के कारण भगदड़ मचना सवभाविक है|
कई बार देखा गया है कि भीड़ होने के बावजूद यदि किसी रेलगाड़ी के प्रस्थान का प्लेटफ़ॉर्म अंतिम क्ष्रण पर बदल दिया जाता है तो भगदड़ मच जाती है और ऐसे हादसों कई मौते हो जाती हैं | इसके लिए रेल प्रशासन /पुलिस द्वारा सम्बंधित कर्मचारी/अधिकारी को जिम्मेवार मान कर उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाती है | क्या इस भगदड़ के लिए दिल्ली पुलिस को जिम्मेवार मान कर सम्बंधित अधिकारी के विरुद्ध कारवाही कि जायेगी |वैसे तो श्री धर्मेंदर कुमार स्पेशल सी पी (ला एंड आर्डर) दिल्ली पुलिस कह चुके कि राजबाला कि मौत के लिए पुलिस किसी प्रकार से जिम्मेवार नहीं है | यह तो यही दर्शाता कि दोषी खुद जज बन कर फैसला सुना रहा है कि मैं दोषी नहीं हूँ|
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