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सिविल सर्विस दिवस के मौके पर प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह जी ने नौकर शाहों को साहसिक और तुरंत फैसले करने में न घबराने और बेखौफ काम करने के लिए कहा | नौकर शाह ऐसा तभी कर सकते हैं जब उनके आगे आप उदाहरण बने और उन्हें भरोसा हो की ऐसा करने से उनका अहित नहीं होगा | लेकिन आज मनमोहन सिंह की सरकार से उन्हें ऐसी आशा नहीं है क्योंकि यह सरकार कभी ममता के डर से कभी डीएमके के डर से और कभी गठबंधन की मजबूरी के कारण साहसिक और तुरंत निर्णय नहीं कर पा रही | अगर किसी मंत्री ने ऐसा कर भी दिया तो उसे मंत्री पद से ही हाथ धोना पड़ता है | रेल मंत्री श्री दिनेश त्रिवेदी का उदाहरण सबके सामने है त्रिवेदी जी तो नेता हैं और मंत्री पद छोड़ना पड़ा मगर सांसद बने हुए हैं | अपना और अपने परिवार का पेट पाल लेंगे | अगर किसी नौकरी शाह को साहसिक और ठीक फैसले के कारण नौकरी से हाथ धोना पड़ जाये तो उसका और उसके परिवार का भविष्य क्या होगा | मनमोहन सिंह जी की सरकार पहले खुद साहसिक और तुरंत निर्णय लेने में तेजी दिखाए तब नौकर शाहों को नसीहत दें क्योंकि यदि सरकार में निर्णय लेने के प्रति सक्रियता होगी तभी नौकर शाह साहसिक और तुरंत निर्णय लेने की हिम्मत कर पाएंगे | सरकार की इस विषय में कैसे छवि है इस का बयां सरकार के प्रमुख वित्त सलाहकार श्री कौशिक वसु जी अपने निजी विचार बता कर जग जाहिर कर चुके हैं | सरकार को अपनी छवि बदलने के लिए कुछ नीतिगत कठोर निर्णय लेने होंगे |
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